ISRO ने रचा इतिहास, एक ही रॉकेट LVM3-M2 से लॉन्च किये 36 उपग्रह

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आप और हम जब शनिवार रात को सो रहे थे, तो आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक जाग रहे थे। उनके चेहरों पर तनाव था। इसरो का सबसे बड़ा रॉकेट लॉन्च पैड पर था। लॉन्च के लिए उलटी गिनती चल रही थी। ये गिनती अंतिम दौर पर पहुंची। 10..9..8..7..6..5..4..3..2..1..और इसके साथ ही इसरो के सबसे बड़े रॉकेट एलवीएम3 के इंजनों ने गड़गड़ाना शुरू किया। तेज आवाज से लॉन्च पैड हिल उठा। पीली-नीली आभा रॉकेट के इन ताकतवर इंजनों से निकलने लगी। रॉकेट ने लॉन्च पैड से उड़ान भरी और इसरो के वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया।

इसरो के वैज्ञानिकों ने आज जो नया इतिहास रचा है, आज तक दुनिया में कोई और देश रच नहीं सका है। इसरो ने अपने इस नए और सबसे ताकतवर रॉकेट से एक ही बार में 36 उपग्रहों को सफलता से अंतरिक्ष में स्थापित किया। ये सारे उपग्रह ब्रिटिश संचार कंपनी वनवेब के हैं। उपग्रह 4-4 के बैच में लॉन्च किए गए। इनको सफलता से लॉन्च होते देखकर वैज्ञानिकों में खुशी थी। इसरो के कंट्रोल रूम में तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दे रही थी। इसरो के प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने बताया कि 36 उपग्रहों को ले जाने वाला रॉकेट 43.5 मीटर लंबा था। इस रॉकेट से 8000 किलोग्राम भार तक के उपग्रह भेजे जा सकते हैं।

इसरो ने कहा था कि रविवार का प्रक्षेपण महत्वपूर्ण है क्योंकि एलवीएम3-एम2 मिशन इसरो की वाणिज्यिक शाखा-न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के लिए पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है।

मिशन को ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ और ब्रिटेन स्थित ‘नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड’ (वनवेब लिमिटेड) के बीच कमर्शियल अरेंजमेंट के हिस्से के रूप में चलाया जा रहा है।

इसी के साथ एलवीएम3-एम2 36 उपग्रहों, 5796 किलोग्राम तक के ‘पेलोड’ के साथ जाने वाला पहला भारतीय रॉकेट बन गया है। भारत की भारती एंटरप्राइजेज वनवेब में एक प्रमुख निवेशक है।

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