इस बार दीपावली पर अयोध्या में दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए धूम धाम से तैयारिया चल रही है. इस बार दीपोत्सव में मोदीजी भी मौजूद रहेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की जिसमे अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव-2022 के भव्य आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की. बैठक में शासन के उच्च अधिकारी उपस्थित थे. अयोध्या जिला प्रशासन के अधिकारी विडियो कोंफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में उपस्थित हुए. बैठक में में योगी आदित्यनाथ जी ने सभी अधिकारीयों को जरुरी निर्देश दिए और कहा की इस बार का दीपोत्सव हम सब के लिए गौरवपूर्ण है इस बार अयोध्या के दीपोत्सव में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीजी की गरिमामयी उपस्थिति हो रही है. अयोध्या में विगत पांच वर्षो से दीपोत्सव का आयोजन हो रहा है और प्रत्येक वर्ष भव्य और दिव्य दीपोत्सव का आयोजन होता है. इस वर्ष का दीपोत्सव भी भव्य,दिव्य और ऐतिहासिक होगा . हर वर्ष भारी संख्या में दीपों का प्रज्ज्वलन कर यह आयोजन वैश्विक स्तर पर नई उंचाइयो को छू रहा है. इस वर्ष भी दीपोत्सव में दीप प्रज्ज्वलन का ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया जायेगा.
योगी आदित्यनाथ जी ने कहा की दीपोत्सव में उल्लास और उत्साह के साथ स्थानीय जनता और देश विदेश के पर्यटक इसमें सहभागिता के इच्छुक रहते है. ऐसे में जनभावनाओं का पूरा सम्मान किया जाये और आमजन के आवागमन और बैठने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए . व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मियों का व्यवहार सरल और सहयोगी होना चाहिए. किसी भी स्थानीय व्यक्ति या पर्यटक को किंचित भी परेशानी नही होनी चाहिए . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा की अयोध्या में आयोजित होने वाला दीपोत्सव का कार्यक्रम अपनी भव्यता और दिव्यता के लिए पूरी दुनिया में अलग पहचान बना रहा है. ऐसे में हम सब की जिम्मेदारिया बढ़ जाती है और दीपोत्सव की गरिमा को मद्देनजर रखते हुए सभी तैयारिया की जनि चाहिए . योगीजी ने कहा की 23 अक्टूबर को होने वाले भव्य समारोह से पूर्व ही सभी तैयारियों का पूर्वाभ्यास हो जाना चाहिए. मुख्य समारोह के पहले और बाद में भी अयोध्या में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.
योगीजी ने कहा की दीपोत्सव हमारी सनातन परम्परा अभिन्न अंग है. भगवान् श्रीराम जी, माता सीता और लक्ष्मण जी के वनवास समाप्ति के पश्चात् वापस अयोध्या लोटने की पवन स्म्रति में यह दीपोत्सव मनाया जाता है. इन विशिष्ट अवसरों पर समयानुकूल सुमधुर भजन/आरती/मानस की चौपाइयां व दोहा आदि का गायन होना चाहिए। इससे समारोह और अधिक शोभायमान और अविस्मरणीय होगा.