पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ ‘खुली बहस’ में पंजाब के बाकी विपक्षी नेता मौजूद नहीें रहे. इसको लेकर सीएम भगवंत मान ने कहा कि, ‘अगर उनके पास सीएम के खिलाफ कुछ होता तो क्या वो नहीं आते?’ सीएम मान ने आगे कहा कि, लोगों को खुली बहस के लिए आमंत्रित करने के लिए साहस की जरूरत होती है, मैंने उन्हें तैयारी के लिए 25 दिन का समय दिया था…बता दें कि, ‘मैं पंजाबी बोलदा खुली बहस’ पक्ष और विपक्ष के बीच होने वाली थी जिसमें विपक्ष के कई नेता मौजूद नहीं रहे.
मंच पर अकेले नजर आए सीएम भगवंत मान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम भगवंत मान ने चर्चा के लिए कई विपक्षी दलों के नेताओं को चुनौती दी थी. इस दौरान मंच पर सीएम भगवंत मान अकेले ही नजर आए. वहीं, पहले सीएम भगवंत मान ने इस बहस में आम जनता को भी शामिल करने का फैसला लिया था लेकिन फिर ‘आप’ सरकार ने फैसले को बदल दिया और कहा कि यह मंच आम आदमी और मीडिया के लिए बंद रहेगा. हालांकि, जब सीएम भगवंत मान के अलावा मंच पर और कोई नजर नहीं आया तो सीएम भगवंत मान ने आत्मविश्वास के साथ कई बातें कहीं.
किन मुद्दों को लेकर थी ‘खुली बहस’?
आपको बता दें कि यह बहस राज्य से संबंधित कई मुद्दों को लेकर थी जिसमें पिछले समय में पंजाब में लूट, भाई-भतीजाबाद, नदी जल बंटवारा जैसे मुद्दों पर तमाम नेताओं के साथ होनी थी. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि, ‘पंजाब सरकार मातृभाषा पंजाबी को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है…’ बताते चलें कि ‘खुली बहस’ कार्यक्रम में विपक्ष के नेताओं के ना पहुंचने से सीएम मान ने कहा कि, ‘विपक्षी नेताओं के पास मेरे खिलाफ कुछ नहीं है…’ बहरहाल, पंजाब की राजनीति में आगे कितनी उथल-पुथल होती है ये देखने वाली बात होगी