मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती शराब के खिलाफ लगातार सख्त -रूख अपना रही हैं। उनके सख्ती के चलते ही मध्य प्रदेश सरकार शराब के खिलाफ अभियान चला रही है। इसके बावजूद उमा भारती इस अभियान से संतुष्ट नहीं हैं। उमा भारती सोमवार देर शाम भोपाल के अयोध्या बाइपास स्थित शराब दुकान पर पहुंचीं और दुकान के सामने लगे पर्दे हटवा दिए। इसके बाद वहां कुछ देर तक कुर्सी डालकर बैठी रहीं।
उमा भारती बीते डेढ़ साल से शराबबंदी को लेकर अलग-अलग तरीके अपना रही हैं। वे शिवराज सरकार पर कभी गरम तो कभी नरम दिखाई देतीं हैं। उमा भारती ने 2 अक्टूबर को पैदल मार्च भी निकाला था। अब सोमवार को अचानक उमा भारती ने महिलाओं और बच्चों के साथ शराब दुकान के सामने लगी नेट को हटवाया और कुर्सी लगाकर बैठ गईं।
उमा भारती ने लोगों के सामने कहा कि तिलकधारी, जनेउधारी और तलवारधारी जो अपने आप को भगवान सेवक कहते हैं। इन्हीं की बदौलत प्रदेश में शराब के अहाते आसानी से चल रहे हैं। उमा भारती ने कहा, शराब दुकानों में अहाते की कानूनी तौर पर अनुमति नहीं है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की सहमति से अहाते खोल लिए जाते हैं। इसमें भारी भ्रष्टाचार होता है और हफ्ता वसूली से सबकी जेबें गरम होतीं हैं, इसलिए सब अपना कर्म भूल जाते हैं।
शराब की दुकान पंचमुखी हनुमान मंदिर के सामने है। इसी पर उमा भारती ने शराब दुकान के मैनेजर पर नाराज़गी ज़ाहिर कर इसे बंद करने को कहा। मैनेजर से ये भी कहा कि वो शराबबंदी अभियान में उनका साथ दें, शराब से लोगों की जिदंगी बर्बाद हो रही है। उमा भारती ने कहा- मैं 7 नवंबर से अपना अभियान शुरू करने वाली थी, लेकिन अब लगता है कि यहीं पर टिक्कड़ (रोटियां) सिकेंगे। बता दें, उमा भारती ने 7 नवंबर से प्रदेश में शराब बंदी लागू होने तक घर छोड़कर शराब दुकान के सामने टेंट लगाकर रहने का ऐलान किया है।