ज्ञानवापी सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है. सर्वे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामियां मस्जिद समिति सुप्रीम कोर्ट पहुंची. वकील निजाम पाशा ने ASI सर्वे को रोकने की मांग चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने रखी. बता दें कि उन्होंने कहा कि हमें तत्काल विचार के लिए ईमेल भी भेजा है जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इस पर विचार करके जल्द आदेश देंगे. वहीं, दूसरी तरफ हिंदू पक्ष की तरफ से याचिकाकर्ता राखी सिंह ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया है.

आगे भी उठ सकता है मुद्दा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर यह जानकारी जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की एक याचिका सुनवाई के लिए लगी है और ये वो याचिका है जिसमें हिंदू श्रद्धालु महिलाओं के आवेदन को सुनवाई योग्य ठहराने का विरोध किया गया है. ऐसे में 4 अगस्त को हाईकोर्ट के नए आदेश का मसला उठ सकता है.

हाईकोर्ट ने क्या सुनाया फैसला?
आपको बता दें कि मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि, न्यायहित के लिए एसआई सर्वे जरूरी है, कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करना जरूरी है. दरअसल, जब एएसआई सर्वे का आदेश दे दिया गया तो एएसआई की टीम सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी लेकिन मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद जताई थी वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर दो दिन की रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने को कहा था, इसके बाद मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट गया और हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी. बताते चलें कि ज्ञानवापी केस में ASI सर्वे को लेकर लगातार मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा है, देखना होगा कि आगे जब ये मुद्दा उठता है तो क्या कुछ नया अपडेट आता है.