लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां जोरों शोरों से हो रही हैं. चुनाव में जीत के लिए राजनीतिक पार्टियां जी तोड़ कोशिश कर रही है. सत्ता पर काबिज होने के लिए जहां पार्टियों की ओर से जी तोड़ कोशिशें की जा रही हैं तो वहीं वार-पलटवार का दौर भी जारी है. इसी कड़ी में सरकार की ओर से 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया गया है. विशेष सत्र की बात सामने आती ही सियासी जगत में कयास लगने शुरू हो गए. दो-तीन हफ्ते पहले संसद के मानसून सत्र के होने के बाद महज सवा महीने बाद विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर तरह-तरह के सवाल और संभावनाएं उठनी शुरू हो गए हैं. बता दें कि इस सत्र की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं खासकर जी-20 की शिखर बैठक के बाद अचानक सत्र का आयोजन होना अपने आप में बड़ी बात है.
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संसद का विशेष सत्र
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के दौरान कई बड़े मुद्दों पर बातचीत हो सकती है. दरअसल, भारत में आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं. केंद्र सरकार ने इसे अमृतकाल का नाम दिया था. इसकी समाप्ति के बाद 2047 तक आजादी के 100 वर्षों पूरे होने पर अगले 25 वर्षों तक देश के विकास का रोड मैप कैसा रहेगा इसका एक खाका सरकार पेश कर सकती है.
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नए भवन में हो सकता है सत्र
आपको बता दें कि पीएम मोदी लालकिले से अपने संबोधन के बाद से लगातार इसकी चर्चा करते रहे हैं. ऐसे में वह सत्र में देश के सामने नए विजन के साथ सामने आ सकते हैं. वहीं, माना जा रहा है कि सरकार इस पर संसद के अंदर पांच दिनों तक बहस कराकर इससे जुड़े प्रस्ताव को आम सहमति से पेश कर सकती है लेकिन अब बात ये है कि संसद का मानसून सत्र संसद के पुराने भवन में हुआ था जबकि मानसून सत्र के दौरान नया भवन बन गया था. हालांकि, अब विशेष सत्र नए भवन में होने के कयास लगाए जा रहे हैं. बताते चलें कि संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आगामी चुनाव के नजरिये से काफी खास होने वाला है, देखना होगा कि आखिर इसका चुनाव पर कैसा असर पड़ता है.