पंजाब के राज्यपाल की तरफ से विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा है कि, आप आग से खेल रहे हैं. यह लोकतंत्र है. जनप्रतिनिधियों की तरफ से पास बिल को इस तरह से अटकाया नहीं जा सकता. आप यह नहीं कह सकते कि विधानसभा का सत्र ही गलत था. बता दें कि हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि विधानसभा के बजट सत्र की बैठक को स्थगित क्यों किया गया?
सॉलिसिटर जनरल तुषार ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा, ‘कोर्ट उनको इस मामले में एक हफ्ते का समय दे. वह इस मामले में कोई ना कोई हल निकाल लेंगे. ऐसे में बेंच ने उनसे सवाल किया कि अगर निकालना था तो अदालत आने की जरूरत क्यों पड़ी. इस पर सॉलिसिटर ने कहा उनको अगले हफ्ते सोमवार तक का समय दिया जाए…’
CJI ने क्या कहा?
आपको बता दें कि इस मामले पर सीजीआई ने कहा कि, ‘हमें एक संक्षिप्त आदेश जारी करने दीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में 19 और 20 जून को बुलाई गई विधानसभा बैठक को वैध ठहराया. राज्यपाल से कहा कि, वह इस दौरान पास किए गए विधेयकों पर फैसला लें. दरअसल, राज्यपाल सचिवालय ने दलील दी थी कि, मार्च में बुलाई गए बजट सत्र को खत्म करने की बजाय स्थगित किया गया. जून में दोबारा बैठक बुलाई गई. यह गलत है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है स्पीकर के पास ऐसा करने का अधिकार है. कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल तक स्थगित रखना भी सही नहीं है. बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल को इस मामले पर कई बातें कहीं.