क्या आप जानते हैं कि ‘एप्पल’ का सेब कटा हुआ क्यों है ?, जानिए आखिर कैसे बना ये कटा हुआ सेब ‘एप्पल’ का लोगो

Fact Checkक्या आप जानते हैं कि 'एप्पल' का सेब कटा हुआ क्यों है ?, जानिए आखिर कैसे बना ये कटा हुआ सेब 'एप्पल' का लोगो

जब बात ब्रांड की हो तो सबसे पहला ब्रांड जो दिमाग में आता है वो है ‘एप्पल’| ‘एप्पल’ एक ऐसा नाम एक ऐसा ब्रांड जो लोगों के जहन में इस कदर बैठा है कि इसे निकालना नमुमकिन है | ‘एप्पल’ को इतने बड़े ब्रांड के रूप में देखने के लिए बहुत पापड़ बेले गए हैं | अब कम्पनी चाहे ‘एप्पल’ की हो या कोई दूसरे ब्रांड की उसका लोगो उसकी पहचान होता है कोई व्यक्ति किसी ब्रांड को उसके नाम से जाने या न जाने लेकिन उसके लोगो को देख सब जान जाता है कि आखिर ये कौन सा ब्रांड है | तो उन्ही ब्रांड्स की रेस में शामिल है  ‘एप्पल’ | ‘एप्पल’ एक ऐसा ब्रांड है  जिसे आज बच्चे – बच्चे जानते हैं और एप्पल का नाम सुनते ही सबसे पहले जो चीज़ दिमाग में आती है वो है एप्पल का कटा हुआ सेब |

 

 

लेकिन क्या आप लोग ‘एप्पल’ के कटे हुए सेब की कहानी जानते हैं ? अगर नहीं तो आज हम आपको बताएँगे कि आखिर कैसे ये कटा हुआ सेब ‘एप्पल’ ब्रांड का लोगो बन गया | सबसे पहले आपको बता दें कि , स्टीव जॉब्स , रोनाल्ड वेन और स्टीव वोजनियाक ने 1 अप्रैल 1976 में एप्पल की स्थापना की थी | ‘एप्पल’ जैसी  बड़ी कम्पनी को खड़ा करना कोई बच्चों का खेल नहीं था | पहले कम्पनी का नाम ‘एप्पल इंक ‘ रखा गया था और इस कम्पनी का फोकस सिर्फ कंप्यूटर बनाना पर था | लेकिन वक्त बदला तकनीके बदली और कम्पनी की काफी चीज़ों में बदलाव देखने को मिला |

क्या आप जानते हैं कि , एप्पल का पहला लोगो ये कटा हुआ सेब नहीं था ? एप्पल का पहला लोगो था न्यूटन की वो फोटो जिसमें वो एक सेब के पेड़ के नीचे बैठे हुए थे | इस तस्वीर के पीछे की कहानी तो आप सबको पता ही होगी , और अगर नहीं पता तो हम आपको बताते हैं, ये तस्वीर न्यूटन के ग्रुत्वकर्षण की खोज को दर्शाती थी | इसके इस लोगो को तैयार करने वाला कोई और नहीं था बल्कि इसके संस्थापको में से ही एक थे , यानि रोनाल्ड वेन ने यह लोगो 1976 में तैयार किया था | यहां एक और बुरी घटना घटी वो ये कि रोनाल्ड वेन स्थापना के 2 हफ्ते बाद ही इस कम्पनी से अलग हो गये | उनके अलग होने के बाद 1 साल तक लोगो यही रहा , इसके बाद इसे बदलने पर चर्चा शुरू हुई |

अब यहां से शुरू होती है कटे हुए सेब को लोगो बनाने की असली कहानी की | तो हुआ कुछ यूं कि लोगो की खोज से समय एक वैज्ञानिक का ख्याल मन में आया , और वो वैज्ञानिक थे ‘एलन ट्यूरिंग ‘ | सबके मन में ये सवाल उठाना लाजमी है कि एप्पल के लोगो से इनका क्या लेना देना था | तो बात उस समय की है जब अमेरिका में होमोसेक्सुअल होना जुर्म माना जाता था | इसलिए एलन ट्यूरिंग को गुनेहगार बताया गया | अब बात चली उनका इलाज कर के उन्हें ठीक करने की तो उन्हें ठीक करने के लिए सबने उनको केमिकल ट्रीटमेंट देने का फैसला किया | जब इसका फैसला हो गया कि उन्हें केमिकल द्वारा ठीक किया जाएगा तो उन्हें एक सायनाइड नमक केमिकल को सेब के अंदर इंजेक्ट करके खाने के लिए दिया गया ,जिसका परिणाम काफी बुरा हुआ | उस सेब को खाने से उनकी म्रत्यु हो गयी | जब उनकी म्रत्यु के बाद लोग वहां गए तो उन्होंने देखा कि उनके शरीर के पास एक चखा हुआ सेब पड़ा है , जिसके अंदर जहरीला केमिकल इंजेक्ट था | उनकी इसी कहानी को ध्यान में रख कर ‘एप्पल’ कम्पनी का लोगो कटा सेब रखा गया |

एप्पल अपनी क्वालिटी के लिए कितना फेमस है ये तो सभी जानते है लेकिन क्या कोई ये जनता है कि , एप्पल कम्पनी का नाम एप्पल कैसे पड़ा ? तो बात कुछ ऐसी थी कि स्टीव जॉब्स का सेब का खेत था | वो सेब से ज्यादा अच्छा फल किसी को मानते नहीं थे | तो इन्ही बातों का ध्यान रखते हुए ये लोगो फाइनल किया गया | सही मायने में ये लोगो ‘एलन ट्यूरिंग ‘ को श्रद्धांजली थी |

 

 

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles