खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित कर दिया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि WFI की नई इलेक्टेड बॉडी पर पूर्ण पदाधिकारी का ही पूर्ण बहुमत मालूम होता है और ये खेल संहिता की पूरी तरह से अवहेलना है. वहीं, फैसले का ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने स्वागत किया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश कुश्ती संस्था के पूर्व प्रमुख संजय सिंह बीते गुरुवार को WFI के नए सदस्य चुने गए थे. वो WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं.
बजरंग पुनिया का रिएक्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में बृजभूषण शरण सिंह और WFI के पिछले शासन के खिलाफ महीनों तक विरोध प्रदर्शन चला था जिसमें बजरंग पुनिया प्रमुख चेहरों में से एक थे. उन्होंने हाल ही में WFI के नए अध्यक्ष संजय सिंह चुने जाने पर नाराजगी जताई थी और अपना पदम श्री पुरस्कार भी लौटा दिया था. हालांकि जब से नए कुश्ती संस्था का निलंबन किया गया है तब से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि बजरंग पुनिया अपने फैसले पर विचार कर सकते हैं और पदम श्री वापस ले सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, ऐसी जानकारी है कि बजरंग पुनिया तभी अपना पदम श्री वापस लेंगे जब सरकार बृजभूषण और उनके करीबी सहयोगियों को संस्था से दूर रखेगी.
कुश्ती में फिर आएंगी साक्षी मलिक?
आपको बता दें कि जब WFI के नए अध्यक्ष संजय सिंह को बनाया गया था तो रेसलरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़ी बातों के बारे में बताया था, साथ ही अपना दुख भी बताया था. इसी कड़ी में कुश्ती पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती को त्यागने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि, ‘अब मैं कुश्ती वाली जगह पर नहीं दिखूंगी. मैं कुश्ती से संन्यास लेती हूं…’ हालांकि, जबसे इस नए कुश्ती संघ को भंग किया गया है तब से ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि साक्षी मलिक भी कुश्ती में दोबारा वापसी करने के फैसले पर विचार कर सकती हैं. बताते चलें कि खेल मंत्रालय की तरफ से ये बड़ा फैसला है, देखने वाली बात होगी कि इसका कुश्ती पहलवानों पर कैसा असर पड़ता है.