मनी लांड्रिंग केस में विपक्षी पार्टियों की मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी इसी मुश्किल में घिरती हुईं नजर आ रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी चार्जशीट में पहली बार प्रियंका गांधी के नाम का भी जिक्र किया है. हालांकि, उनका नाम किसी आरोपी के तौर पर दर्ज नहीं किया गया है. बता दें कि ईडी की चार्जशीट में प्रियंका गांधी के नाम का उल्लेख जमीन खरीद के आरोपी से जुड़े होने के संदर्भ में किया गया है. इतना ही नहीं इस चार्जशीट में प्रियंका गांधी के साथ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा के नाम का भी जिक्र शामिल है.
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट के अनुसार संजय भंडारी के कथित सहयोगी सीसी थम्पी ने दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा के माध्यम से 2005 से 2008 तक हरियाणा के फरीदाबाद जिले के गांव अमीरपुर में 486 एकड़ जमीन खरीदी. रॉबर्ट वाड्रा ने 2005-2006 तक एचएल पाहवा से अमीरपुर में 334 कनाल (40.8) करोड़ जमीन के तीन टुकड़े भी खरीदे और दिसंबर 2010 में इस जमीन को एचएल पाहवा को बेच दिया.
एक ही से जमीन खरीदी और बेची
आपको बता दें कि चार्जशीट के हिसाब से रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अप्रैल 2006 में एचएल पाहवा से अमीरपुर गांव में 40 कनाल यानी की 5 एकड़ कृषि भूमि खरीदी और फरवरी 2010 में इस जमीन को एचएल पाहवा को बेच दिया. अब इस दौरान पाहवा को भूमि अधिग्रहण के लिए नकदी भी प्राप्त हो रही थी. वहीं, ईडी का आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा ने पाहवा को बिक्री का पूरा पैसा नहीं दिया है. हालांकि, संबंध में अभी भी जांच जारी है. बताते चलें कि थम्पी को इस मामले में जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था और ईडी का आरोप है कि थम्पी वाड्रा का करीबी सहयोगी है. थम्पी फिलहाल जमानत पर रिहा है. बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि आखिर इस मामले में आगे क्या कुछ नया निकलकर सामने आता है.