Himachal Politics: कुछ ही घंटों में बदल गई हिमाचल प्रदेश की राजनीति! अब न सीएम पद पर खतरा और न ही सरकार पर… जानिए क्या हुआ?

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बुधवार की सुबह तक ऐसी खबरें सामने आ रही थी कि हो ना हो कुछ ही समय में हिमाचल प्रदेश में सरकार गिर जाएगी लेकिन अब पूरी की पूरी बाजी ही पलट गई है. जी हां, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूरी बाजी पलट दी है. बता दें कि सीएम सुक्खू ने बीजेपी का ही फार्मूला अपनाया.

हिमाचल में अचानक क्या हुआ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हुआ कुछ ऐसा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू ने 17 फरवरी को जो बजट पेश किया था उसे 28 फरवरी को पास करवाना था इसके लिए कांग्रेस की ओर से व्हिप भी जारी किया गया था लेकिन बजट के दौरान कांग्रेस के 6 बागी विधायक नहीं पहुंचे, इससे बीजेपी की उम्मीदों को और बल मिल गया. वहीं, बजट के दौरान बीजेपी के विधायकों ने 28 फरवरी को सदन में हंगामा कर दिया फिर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने ट्विस्ट लाते हुए बीजेपी के 15 विधायकों को सदन से सस्पेंड कर दिया, इससे विपक्ष के 15 विधायक सस्पेंड हो गए और बचे-खुचे बीजेपी के विधायक खुद ही सदन से बॉयकॉट कर गए. अब इसकी वजह से सुक्खू सरकार ने ध्वनिमत से अपना बजट पास करवा दिया.

सुक्खू सरकार को कोई खतरा नहीं
आपको बता दें कि बजट पास होने के साथ ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है, यानी कि विधानसभा का अगला सत्र जो होगा वो कुछ महीनों के बाद ही होगा. अब ऐसे में जब तक सत्र नहीं होता तब तक सरकार सुरक्षित है क्योंकि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ और सिर्फ सदन में ही लाया जा सकता है और जैसा कि सदन स्थगित है तो ऐसे में सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है. सीएम सुक्खू ने पहले ही कहा था कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, इस्तीफा देने की बात निराधार है यानी कि कुल मिलाकर सरकार पर कोई भी खतरा नहीं है. बताते चलें कि हिमाचल में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी जिसके चलते सुक्खू सरकार पर खतरा मंडरा रहा था लेकिन अब सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है.

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