भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव के नाम पर मुख्यमंत्री पद की कमान सौंप दी है. जी हां, बीजेपी ने मध्य प्रदेश के नए सीएम के रूप में मोहन यादव को चुना है. ऐसा कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने एक बड़ा ओबीसी कार्ड खेला है. बता दें कि कहीं ना कहीं कांग्रेस को मोहन यादव का सीएम बनना रास नहीं आ रहा है. कांग्रेस की ओर से इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा कि, ‘चुनाव परिणाम के 8 दिन बाद बीजेपी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चुना भी तो एक ऐसे व्यक्ति को जिस पर उज्जैन मास्टर प्लान में बड़े पैमाने पर हेर-फेर करने समेत कई गंभीर आरोप हैं…’ इतना ही नहीं उन्होंने इसको लेकर एक रिपोर्ट भी साझा की है और कई बड़ी बातें कही हैं.
अटकलों के बीच मोहन यादव के नाम पर मुहर
आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल, नरेंद्र तोमर जैसे कई दिग्गज नेताओं के नामों पर अटकलों के बीच 11 दिसंबर को हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में जब मोहन यादव का नाम सामने आया तो सभी चौंक गए. मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से तीसरी बार के विधायक और शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर कार्यरत रहे हैं. वहीं, कहा जा रहा है कि मोहन यादव के नाम से बीजेपी ने ‘ओबीसी कार्ड’ पर खेला है जिनकी राज्य की जनसंख्या में हिस्सेदारी करीब 48 फीसदी तक है. बताते चलें कि मध्य प्रदेश में मोहन यादव नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए हैं, देखने वाली बात होगी कि आखिर इसका लोकसभा चुनाव पर कैसा असर पड़ता है और मध्य प्रदेश की राजनीति भी किस तरह से बदलती है.