देश भर में समान नागरिक संहिता (UCC) का मुद्दा गरमाया हुआ है, इसको लेकर नेतागणों की अपनी-अपनी राय भी है. वहीं, अब यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है. बता दें कि बहुजन समाज पार्टी यानी कि (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया है. हालांकि, उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन तो किया लेकिन बीजेपी के तौर तरीकों पर सवाल उठा दिए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के खिलाफ नहीं है लेकिन बीजेपी के इसके लागू करने के तौर-तरीकों से सहमत नहीं है.
मायावती ने UCC का किया समर्थन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मायावती ने कहा कि, ‘भारत में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं, अपने तौर-तरीके और रस्मो रिवाज हैं जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता लेकिन अगर दूसरी और देखा जाए तो देश में यदि यूसीसी लागू होता है तो देश मजबूत होगा, साथ ही लोगों में भाईचारा भी पैदा होगा. हमारी पार्टी इसके विरुद्ध नहीं है लेकिन बीजेपी के इसके लागू करने के तौर-तरीकों से सहमत नहीं है…’
BSP ने रखी ये शर्त
आपको बता दें कि यूसीसी को लेकर मायावती ने आगे कुछ शर्तों के साथ अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि, ‘संविधान की धारा 44 में यूसीसी लागू करने के लिए वर्णन तो है लेकिन थोपने के लिए नहीं. इसके लिए जागरूकता और आम सहमति बनाना ही श्रेष्ठ होगा. यूसीसी के मुद्दे पर राजनीति ठीक नहीं है, अगर बीजेपी इसे सही तरीके से लाती है तो हम साथ हैं नहीं तो इसका विरोध करेंगे. इसे लागू करने में बीजेपी की संकीर्ण राजनीति देखने को ज्यादा मिल रही है इसमें धार्मिक पक्षपात नहीं होना चाहिए…’ बताते चलें कि UCC के मुद्दे से हटकर मायावती ने सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि इस समय यूसीसी से ज्यादा सरकार को महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए…खैर, देखना होगा कि यूसीसी के मुद्दे पर अन्य राजनीतिक पार्टियों की तरफ से और क्या कुछ कहा जाता है.