मणिपुर में बढ़ी जातीय हिंसा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है, इसको लेकर राजनीति भी जारी है. राजनेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर ऐसा है कि जिसमें मणिपुरवासियों को राहत कम परेशानी ज्यादा हो रही है. इसी कड़ी में संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर का मुद्दा लगातार उठाया जा रहा है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दिया. इसे लोकसभा स्पीकर ने मंजूर कर लिया. बता दें कि मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है और इसको लेकर ही हंगामा हो रहा है.

विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जा सकती है. मॉनसून सत्र की शुरुआत होने के साथ ही संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही बाधित रही है. दरअसल, मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग पर सरकार के रुख को लेकर विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. विपक्ष लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जिसे मंजूर कर लिया गया. लोकसभा स्पीकर के स्वीकार किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद कीर्ति चिदंबरम ने कहा कि, प्रधानमंत्री को संसद का सम्मान करना चाहिए. अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया है और स्वीकार कर लिया गया है, अध्यक्ष को अब इस पर बहस और मतदान की तारीख तय करनी है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने लगाया आरोप
आपको बता दें कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि संसद में मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि, मैं अपने मुद्दे सदन के सामने रख रहा था और जब 50 लोगों ने 267 पर नोटिस दिए तो मुझे संसद में बोलने का मौका भी नहीं मिला…जब मैं बोल रहा हूं तो मेरा माइक बंद कर दिया गया. यह मेरे प्रिविलेज को धक्का है और सरकार के इशारे पर अगर सदन चला तो मैं समझूंगा कि ये लोकतंत्र नहीं है. वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि, अविश्वास प्रस्ताव इंडिया गठबंधन का सिद्धांत हैहमें यह संदेश देना चाहिए कि हम इस मुश्किल समय में मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं…बताते चलें कि पिछले करीब 90 दिनों से मणिपुर में हिंसा हो रही है और इसको लेकर ही विपक्ष सत्ताधारी बीजेपी पार्टी को घेर रहा है, देखना होगा कि सरकार की ओर से आखिर ऐसा क्या किया जाता है जिससे मणिपुर के हालात सामान्य हो सकें.