तो इसलिए अमेरिका ने हिरोशिमा पर ही गिराया परमाणु बम, सामने आया इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण

Fact Checkतो इसलिए अमेरिका ने हिरोशिमा पर ही गिराया परमाणु बम, सामने आया इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण

6 अगस्त 1945 , विश्व के इतिहास का सबसे भयानक दिन | इस दिन ने लोगों के जहन में वो खौफ पैदा किया जो लोग आज तक अपने दिमाग से नहीं निकाल पाए | हम बात कर रहे हैं जापान के हिरोशिमा और नागाशाकी पर अमेरिका के उस हमले की जिसका बुरा परिणाम ये दोनों शहर आज तक भुगत रहे हैं | इस साल इस हमले को 76 साल पूरे हो चुके हैं | ये वो समय था जब अमेरिका के वायु सेना ने जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागाशाकी पर ‘लिटिल बॉय’ गिराने का फैसला लिया | इस हमले ने कुछ ही सेकंड में 1.40 लाख लोगों को राख बना कर हवा में उड़ा दिया | जिस बम को हिरोशिमा पर गिराया गया उसका नाम ‘लिटिल बॉय’ और जिस बम को नागाशाकी पर गिराया गया उसका नाम ‘फैट मैन’ रखा गया था |

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चलिए आपको बताते हैं कि आखिर बम गिराने के लिए हिरोशिमा को ही क्यों चुना गया | उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रूमन और उनके सहयोगियों ने यह निर्णय लिया कि उन्हें आबादी वाले शहर पर बम गिराना होगा | क्योंकि उस समय अमेरिका के पास सिर्फ 2 परमाणु बम थे और बाकियों को बनाया जा रहा था | ऐसे में यह सवाल भी था कि क्या अमेरिका को अपने परमाणु बमों का इतेमाल करना ठीक रहेगा | क्योंकि उन्हें सिर्फ इन बमों की ताकत का प्रदर्शन नहीं करना था बल्कि उन्हें जापानियों को डरना भी था | अमेरिका को दर भी लग रहा था कि , क्या होगा अगर ये बम फटे न तो और अगर फटा तो इसकी ताकत देखकर गुस्साया जापान कहीं युद्ध न शुरू कर दे | यही कारण था कि , बम को आबादी वाले शहर यानि हिरोशिमा पर गिराने का निर्णय लिया गया | अगर इस बम को गिराने से पहले अमेरिका द्वारा जापान के शहर को खाली करने की चेतावनी दे दी जाती तो , जापान बम गिराने वाले जहाज को तहस – नहस कर सकता था | इसके साथ ही जहाज में बैठ कर बम किराने वाला क्रू मुसीबत में पड़ जाता |

अमेरिका ने बम गिराने से पहले बारीकी से सारी सिचुएशन को समझा , अमेरिका ने उस शहर का चुनाव किया जिसे पहले की छोटी -मोटी बमबारी से नुकसान न हुआ हो , उस शहर में सैन्य प्रोडक्शन किया जाता हो, साथ ही जापान का वो शहर जो देश की संस्कृति का हिस्सा हो| और इन्ही सबका ध्यान रखते हुए वो शहर था हिरोशिमा | जापान 1945 का दूसरा विश्व युद्ध हार चुका था लेकिन अमेरिका  के राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमन ने परमाणु बम के जरिये इस युद्ध को विराम देने का निर्णय लिया | क्योंकि उसी समय उन्हें परमाणु बम के सफल परिक्षण कि जानकारी मिली थी | उन्होंने इसे अब तक की सदी का सबसे खतरनाक बम बताया |

यह हमला सिर्फ यूं ही हवा बजी के लिए नहीं किया था | बल्कि ये पर्ल हार्बर का बदला था | क्योंकि जब अमेरिका के सैनिक पर्ल हार्बर पर पहुचें तो जापानी नौसेना ने उनका बहुत बुरा हाल लिया था और इसी का बदला अमेरिका ने अपना ‘लिटिल बॉय’ हिरोशिमा और नागाशाकी पर गिरा कर लिया |  लेकिन यहाँ एक और फैक्ट है , अमेरिका की लिस्ट में नागाशाकी का नाम था ही नहीं | अमेरिका जापान के जिन 4 शहरों पर बम गिराने वाली था वो थे हिरोशिमा , कोकूरा , क्योतो और निईगाता ,  बाद में क्योतो और निईगाता का नाम हटाकर नागाशाकी को फाइनल किया गया |

जैसे ही बम जापान के इन शहरों की धरती से टकराया 2 सेकंड में सब कुछ भाप बन कर उड़ गया | जैसे ही बम फटा आसमान में बहुत बड़ा मशरूम क्लाउड यानि मशरूम के आकार का बादल बन गया | आक्सीजन पूरी तरह ख़त्म हो गयी और बचे खुचे लोग भी कम ऑक्सीजन के चलते मारे गए | 8.15 मिनट पर हिरोशिमा पर ‘लिटिल बॉय’ गिराया गया उसे निचे आने में मात्र 43 सेकंड लगे| सब कुछ तहस- नहस हो गया | आज भी वहां पैदा होने वाले बच्चों पर उसका असर दिखाई देता है | ये वो त्रासदी थी जिसने सबके होश उड़ा दिए | लेकिन आगे भविष्य में कभी ऐसा न हो इसका ध्यान सभी देशों को रखना बहुत ज़रूरी है क्योंकि किसी के एक सेकंड के फैसले से किसी का पूरा जीवन नष्ट हो सकता है |

 

 

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