30.1 C
New Delhi
Thursday, September 21, 2023

तो ऐसे मिले थे रावण को 10 सिर , जानिए रावण के 10 दशमुख की असली कहानी

storyतो ऐसे मिले थे रावण को 10 सिर , जानिए रावण के 10 दशमुख की असली कहानी

रामायण तो सभी लोगों ने देखी है पर रामायण को देखने के बाद जो सवाल मन में उठते है उन सवालों का क्या ? रामायण एक ऐसा महाकाव्य जिसने सभी को अपने अच्छे आदर्शों के साथ जीने की सीख दी , जिसने बुराई पर अच्छाई की जीत का मतलब समझाया , रामायण जिसने नारी का सम्मान सिखाया , रामायण जिसने अपने वचनों और वादों को निभाने का सुख समझाया , रामायण जिसने मात- पिता की आज्ञा को जीवन का मतलब बताया | रामायण  सिर्फ एक काव्य नहीं है बल्कि हमारे आदर्शों , हमारी संस्कृति को भी दर्शाता है | रामायण को देखते ही न जाने लोगों के मन में कैसे – कैसे सवालों का जाल बनता है | उन्ही सवालों में से एक सवाल ,रावण के 10 सरों का भी है| आज तक ऐसा कोई नहीं होगा जिसके मन में रामायण को देखकर कोई सवाल न आया हो | लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर रावण को दस सिर मिले कैसे ?

 

इसके पीछे काफी सारी कहानियां बताई जाती हैं | जिनमें से एक कहानी ये भी बतायी जाती है कि , कुछ विद्वानों का मानना था कि रावण के 10 सिर नहीं थे बल्कि वो सिर्फ अपने 10 सिरों के होने का भ्रम पैदा करता था | इसी कारण उसका नाम दशानन पड़ा | फिर काफी लोग ये भी मानते थे कि उसे 6 दर्शन और 4 वेदों का ज्ञान था इसलिए उसे दसकंठी भी कहा जाता था  |

 

इसके अलावा भी एक कहानी है , रावण भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था और वो भगवान शिव को खुश करने के लिए तपस्या कर रहा था | भगवान शिव भी उसकी तपस्या देखकर काफी खुश हुए | उसी तपस्या के दौरान रावण ने अपना सिर काटकर भगवान शिव को चढ़ाया तब भगवान शिव ने खुश होकर उसका सिर उसे वापस लौटा दिया | लेकिन भगवान शिव जितनी बार उसके सिर को वापस लौटाते वो उतनी ही बार फिर से अपना सिर उनको अर्पण कर देता | रावण ने कुल मिला कर यही प्रक्रिया 10 बार की | भगवान शिव ने भी उसे 10 सिर वापस कर दिए | यही कारण था की रावण को दस सिर मिल गए |

Also Read -   Tu Jhoothi Main Makkaar: ‘तू झूठी मैं मक्कार’ में पहली बार दिखी रणबीर-श्रद्धा की जोड़ी, ओपनिंग डे पर ही मचाया धमाल

कहा जाता है कि रावण के ये दस सिर दस बुराइयों को दर्शाते हैं काम , क्रोध , लोभ , मोह , द्वेष , पक्षपात , अहंकार , व्यभिचार , धोखा और घृणा| रावण महर्षि विश्वा और कैकसी नाम की राक्षसी का बेटा था | रावण के गले में 9 मणियों से बनी एक माला थी जो उसको उसकी माता कैकसी ने दी थी और इसी से वो अपने दस सिर होने का भ्रम पैदा कर पाता था |

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles