दोस्तों हमारे देश में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु व जानवर पाए जाते है जिनमे से कुछ जानवर ऐसे होते है जो हमारे देश में नही पाए जाते है तो ऐसे में वे जानवर दूसरे देशो से मगवाये जाते है ऐसे में चीते की प्रजाति हमारे देश से लुप्त हो रही थी लेकिन इन्हें लुप्त होने से बचाने के लिए मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से कुछ चीतों को लाया गया है और उन चीतों में एक मादा चीता भी है जिसकी देखरेख करने में कोई कमी नही है हालाकि कुछ ऐसा सुनने को आया है कि उस मादा चीता के गर्भवती होने का आसार भी बताया जा रहा है जिसके कारण यह खबर लोगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है और इस मादा चीता का नाम “आशा ” बताया जा रहा है फिलहाल नामीबिया से लाये गए चीतों की काफी देखभाल की जा रही है इनको भोजन के रूप में भैंस का मांस दिया जा रहा हैं इस खबर को विस्तार से जानने के लिए बने रहे लेख के अंत तक.
नामीबिया से कूनो आई चीता आशा हुई गर्भवती
चीतों की देखरेख कर रही टीम के अधिकारियों के अनुसार आशा में वह सभी प्रकार के लक्षण दिखाई दे रहे हैं जो गर्भवती मादा चीते में होते हैं। साढ़े तीन साल की आशा गर्भवती हो सकती है। संकेत नामीबिया से चीतों को भारत लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चीता कन्जर्वेशन फंड की प्रमुख लौरी मार्कर ने भी दिए हैं। मार्कर के अनुसार चूंकि आशा नामीबिया में प्रकृतिक जंगली वातावरण में रह रही थी। इसलिए उसका गर्भाधान नामीबिया में ही हुआ है। मार्कर के अनुसार, आशा को गर्भकाल के दौरान पूरी तरह से शांत वातावरण की आवश्यकता होगी। लोगों को उसके आसपास जाने से रोका जाएगा। ताकि उसका तनाव कम हो सके और वह अच्छे चीतों को जन्म दे सके। नामीबिया से आए 8 चीतों में 3 मादा चीता हैं। इनमें से एक ‘आशा’ भी शामिल है, ये नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही दिया है।
गौरतलब है कि 17 सितंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर को अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीतों को श्योपुर के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं उन्हें बाड़े में छोड़ा था। इसके बाद उन्होंने मादा चीता को आशा नाम दिया था। इसके साथ ही अन्य चीतों के नाम रखने की प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। जिसमें देश के लोग अपनी पसंद से अन्य चीतों के नाम सुझाएंगे।