साल 2024 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होने हैं. विधानसभा से ज्यादा लोकसभा चुनाव पर इसलिए ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि ये केंद्र की बात है. अब इन चुनावों से पहले देश में कई तरह की बातें राजनीतिक तूल पकड़ रही हैं. लगातार बैठकों का दौर भी जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ एक बैठक की है. बताया जा रहा है प्रधानमंत्री आवास पर हुई यह बैठक करीब 5 घंटे तक चली जिसमें आगामी चुनावों की तैयारियों को लेकर मंथन किया गया. बता दें कि इसके साथ ही समान नागरिक संहिता यानी कि (यूसीसी) के मुद्दे पर भी चर्चा की गई क्योंकि यूसीसी का मुद्दा देश में काफी गरमाया हुआ है और इसके लिए विपक्ष की ओर से भी टीकाटिप्पणी की जा रही है.
बीजेपी की बैठक में क्या खास?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा बताया जा रहा है कि बैठक में यह तय हुआ कि अलग-अलग धर्मों के प्रमुख लोगों से बीजेपी के आला नेता यूसीसी के मुद्दे पर बात करेंगे और सहमति बनाने की कोशिश करेंगे. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बिल लाने को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया है. इतना ही नहीं बैठक में उत्तराखंड सरकार की ओर से लाए जा रहे यूसीसी बिल पर भी चर्चा हुई है. वहीं, साल 2024 में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी बैठक में मंथन हुआ है.
‘UCC’ के मुद्दे पर बयानबाजी शुरू
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में भोपाल पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने समान नागरिक संहिता यानी कि यूसीसी की पुरजोर वकालत करते हुए कहा था कि, ‘हम देख रहे हैं कि यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा हो तो क्या वह परिवार चल पाएगा? फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?’ अब इसके बाद से ही पीएम मोदी के यूसीसी वाले बयान को कई राजनीतिक दलों ने राजनीति से प्रेरित बता दिया. इसको लेकर (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी के भी सवालिया निशाना साध दिया. हालांकि, अधिकतर सभी पार्टियों के विरोध के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने यूसीसी को सैद्धांतिक समर्थन दिया है. बताते चलें कि पिछले कुछ दिनों से देश में बैठकों का दौर चल रहा है जिसमें कई बड़े मुद्दों को लेकर नेताओँ की बातचीत हो रही है, देखने वाली बात होगी कि इन सबका आगामी चुनावों पर कैसा असर पड़ता है.