राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में चुनाव के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान हो चुका है. पांच राज्यों में कहीं एक तो कहीं दो चरण में वोट डाले जाएंगे लेकिन सबके नतीजे 3 दिसंबर को ही आएंगे. बता दें कि बीजेपी और कांग्रेस जैसी पार्टियां तारीखों के ऐलान से बहुत पहले ही मैदान में उतर चुकी हैं. जगह-जगह बड़े-बड़े नेताओं की रैलियां हो रही हैं तो वहीं यात्राओं के जरिए भी सियासत साधने की कोशिश की जा रही है लेकिन ऐसे में बड़ी बात यह है कि आखिर इन पांच राज्यों में किन मुद्दों पर बीजेपी की ओर से वोट मांगा जा रहा है? आइए आपको समझाते हैं…
सनातन, महिला आरक्षण बिल, भ्रष्टाचार मुद्दा!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की डेंगू-मलेरिया से तुलना करते हुए कहा था कि, हमें इसमें मिटाना है. वहीं, सनातन धर्म को लेकर दिए इस बयान को बीजेपी चुनावी मुद्दा बन सकती है. पीएम मोदी राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक महिला आरक्षण बिल के जरिए कांग्रेस को घेर रहे हैं. पीएम मोदी ने जयपुर की रैली में कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों को महिला आरक्षण बिल का विरोधी बताया और कहा कि, ‘विपक्ष ने दबाव में इस बिल का समर्थन किया. इसके साथ ही भ्रष्टाचार का सहारा लेते हुए भी कांग्रेस का निशाना साधा गया है. पीएम ने कहा कि, अशोक गहलोत अपनी कुर्सी बचाने में लग रहे हैं और आधी कांग्रेस कुर्सी खींचने में लेकिन राजस्थान को लूटने में कांग्रेस एकजुट नजर आई है, कांग्रेस ने 5 साल राजस्थान को लूटा है…’
राजस्थान में अपराधियों को खुली छूट!
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने आगे भी कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और देखा जाए तो यही सारे मुद्दे आगामी चुनाव में भी बड़ी बात बनकर सामने आएंगे. पीएम मोदी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था और तुष्टीकरण को भी मुद्दा बना रहे हैं. उन्होंने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की रैली में कन्हैयालाल हत्याकांड की चर्चा पर गहलोत सरकार को घेरा था. वहीं, राजस्थान में जोधपुर दंगों से लेकर हर त्यौहार पर पत्थरबाजी की घटनाएं, दंगे और कर्फ्यू को लेकर सरकार पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि, सरकार आतंकियों के प्रति उदार हो गई है. अपराधियों को खुली छूट दे दी गई है…’ बताते चलें कि नवंबर 2023 में पांचों राज्यों में विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान होंगे जिसके बाद 03 दिसंबर को परिणाम आएगा. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि आखिर जिन मुद्दों को लेकर बीजेपी चुनावी मैदान में उतरी है क्या वो सही काम करते हैं या फिर दांव उलटा पड़ेगा.