वो जगह जहाँ जाकर कोई जहाज वापस नहीं आया , कोई नहीं सुलझा पाया इसका रहस्य

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यह दुनिया न जाने कितने रहस्यों से भरी हुई है | इस संसार के रहस्यों को समझना काफी मुश्किल है | धरती की गहराई से लेकर असमान की ऊँचाई तक इस संसार ने कई बड़े रहस्यों को अपने अंदर समेट रखा है उन्ही रहस्यों में एक रहस्य है ‘बरमूडा ट्राएंगल’ | एक ऐसी जगह जहां जाकर कोई जहाज वापस नहीं लौटता | यह बरमूडा ट्राएंगल अमेरिका के दक्षिण पूर्वी तट पर बना है | गलती से भी भूले बिसरे अगर यहां कोई जहाज पंहुचा तो न जाने कौन उसे निगल गया | अब तक कोई इन्सान या बड़े से बड़ा वैज्ञानिक इस बात का पता नहीं लगा पाया कि बरमूडा ट्राएंगल पर जाते ही जहाजों को आसमान निगल जाता है या पानी | इस रहस्य ने अच्छे अच्छे वैज्ञानिकों के पसीने छुड़ा दिए |

मैरी सेलेस्ती 

एक बार मैरी सेलेस्ती नाम का एक जहाज बरमूडा में जाते ही गायब हो गया | सबका मानना था कि शायद डाकुओं ने इस जहाज को अपने कब्जे में लिया होगा लेकिन यह अनुमान गलत साबित हुआ क्योंकि , 4 दिसंबर 1872 में ये जहाज अटलांटिक महासागर में मिला | इस जहाज पर जो भी लोग थे उनका कोई अता-पता नहीं चला | पर जहाज पर जो भी सामान था वो सुरक्षित मिला |

एलिन आस्टिन 

एक बार फिर वही हुआ जिसका दर था | फिर से एलिन आस्टिन नाम का एक जहाज 1881 में उसी जगह गायब हो गया जहाँ मैरी सेलेस्ती गायब हुआ था | सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि ये जहाज काफी अच्छे और अनुभवी चालकों के साथ न्यूयॉर्क के लिए निकला था और बरमूडा ट्राएंगल के पास ही ये गायब हो गया |

यूएसएस साइक्लोप्स 

एक बार इस बरमूडा ट्राएंगल को पार करते समय अमेरिका के लेफ्टिनेंट कमांडर जी डब्ल्यू वर्ली के साथ उनके 309 साथी भी गायब हो गए | न तो यूएसएस साइक्लोप्स नामक जहाज का पता लगा और न उसपर सवार लोगों का | जब ये जहाज रवाना हुआ तो मौसम बिलकुल ठीक था किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं थी | इसके बावजूद यह घटना सबको हैरान करने वाली है |

गायब हो गए हवाई जहाज 

इस जगह सिर्फ पानी के जहाज गायब नहीं हुए बल्कि इस ट्राएंगल के आस-पास भटकते ही हवाई जहाज भी गायब हो गये | इस जगह आते ही न जाने कितने जहाज अपनी मंजिल भटक गए और कभी नहीं मिले | इस जगह जो हवाई जहाज गयब हुए उनके नाम थे | स्टार टाइगर , फ्लाईट 19 , डगलस और डीसी -3 |

यहां जहाज के गायब होने के पीछे लोग अपना अपना अनुमान लगाते हैं | लेकिन अभी तक इसका सटीक कारण किसी को नहीं पता | लोगों का मानना था कि बरमूडा पर छाये घने कोहरे में जहाज भटक जाते हैं | इसके अलावा ये भी माना जाता है कि इस जगह पानी में मीथेन गैस की मात्रा काफी ज्यादा होने के कारण पानी का घनत्व कम हो जाता है और जहाज पानी के अंदर खिंचा चला जाता है | लेकिन अगर ऐसा है तो हवा में उड़ने वाले हवाई जहांजों के साथ क्या हो जाता है ?

सवाल तो बहुत हैं लेकिन जवाब एक भी नहीं | सब अपने मन से इस जगह के बारे में नयी – नयी कहानियां बनाते रहते हैं | कुछ लोग तो यहां तक मानते हैं कि ये जगह एलियंस का अड्डा है और उन्हें किसी भी बाहरी दुनिया के लोगों का यहां आना पसंद नहीं है इसलिए वो अपनी ताकतों का प्रयोग कर जहाजों का ये हाल करते है| लोगों का मानना तो बहुत कुछ है लेकिन इन बातों में सच्चाई कितनी है कोई नहीं जनता |

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