लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच में सियासी घमासान मचा हुआ है. राजनीतिक दल एक-दूसरे को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. इसी कड़ी में आरक्षण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘फर्जी वीडियो’ के चलते सियासी हलचल तेज है. बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस फेक वीडियो के संबंध में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को 1 मई को जांच में शामिल होने को कहा है.

क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमित शाह के कथित फर्जी वीडियो में तेलंगाना में धार्मिक आधार पर मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताने का संकेत देने संबंधी शाह के बयान को तोड़ मरोड़कर इस तरह दिखाया है कि जैसे कि वो हर तरह का आरक्षण समाप्त करने की वकालत कर रहे हो. वहीं, कांग्रेस नेताओं ने इसी वीडियो के जरिए बीजेपी और अमित शाह को घेरना चाहा लेकिन अब ये उनके ही गले की फांस बनता हुआ नजर आ रहा है. हालांकि, इस मुद्दे पर लगातार घमासान मचा हुआ है, बीजेपी की ओर से कांग्रेस को निशाने पर लिया जा रहा है तो कांग्रेस भी वीडियो को सहारा बनकर बीजेपी पर हावी होना चाहती है. ऐसे में आगे भी ये फेक वीडियो का मामला बवाल मचा सकता है.

क्या बोले अमित शाह?
आपको बता दें कि ‘फर्जी वीडियो’ के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि, ‘विपक्ष की हताशा और निराशा इस स्तर पर पहुंच गई है कि उन्होंने मेरा और कुछ बीजेपी नेताओं का फेक वीडियो बनाकर सार्वजनिक किया है. उनके मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष आदि ने भी इस फेक वीडियो को फॉरवर्ड करने का काम किया है. मैंने जो बोला था उसकी रिकॉर्डिंग हुई है और वो रिकॉर्डिंग हमने सबके सामने रखी है जिससे स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस के प्रमुख नेता क्रिमिनल ऑफेंस का सामना कर रहे हैं. अमीषा ने कहा कि बीजेपी एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण की समर्थक है और हमेशा इसके संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाएगी…’ बताते चलें कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ‘फेक वीडियो’ का मामला कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है, देखने वाली बात होगी कि आखिर इस मामले पर कांग्रेस की ओर से आगे क्या कदम उठाए जाते हैं.