ऐसी स्त्री से भूलकर भी न करें शादी, वर्ना होगी जीवन की बर्बादी, रहें सावधान

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आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक, विद्वान, कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और रणनीतिकार थे, जिन्होंने जीवन की हर अवस्था को जीने के तरीके बताए हैं। अगर कोई व्यक्ति आचार्य चाणक्य की बताई बातों को अपने जीवन में उतारता है तो उसे सफ़लता मिलना तय है। आचार्य चाणक्य ने पिता, पुत्र, पुत्री, पत्नी और मित्र आदि कैसे होने चाहिए, इसके बारे में भी चाणक्य नीति में बताया गया है। चाणक्य नीति में बताया गया है कि इंसान को किन गलतियों को करने से बचना चाहिए, जिससे वह रिश्तों को निभाते हुए अपना जीवन खुशी–खुशी व्यतीत कर सके।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि संस्कारवान स्त्री से ही शादी करनी चाहिए। अगर स्त्री संस्कारहीन होगी तो वो सब कुछ बर्बाद कर सकती है। संस्कारहीन स्त्री अपने पति के साथ–साथ उसके परिवार की जिंदगी को खराब कर देती है। संस्कारहीन स्त्री से शादी करने का इसीलिए आचार्य चाणक्य मना करते हैं।

चाणक्य नीति की मानें तो अगर व्यक्ति की शादी संस्कारवान स्त्री से होती है तो वह अपने पति के घर और जीवन को स्वर्ग–सा सुंदर बना देती है। संस्कारवान स्त्री अपने पति के साथ ही उसके पूरे परिवार का भी ध्यान पूरे मन से रखती है। वह बेवजह विवाद नहीं करती और पति व उसके परिजनों को कटु वचन भी नहीं बोलती है।

वे कहते हैं कि स्त्री की सुंदरता, रंग-रूप ही सब कुछ नहीं होता है। अगर कोई पुरुष किसी स्त्री के साथ केवल उसकी सुंदरता को देखकर शादी करता है तो उससे बड़ा मूर्ख दुनिया में कोई नहीं है। पुरुष को स्त्री के गुणों को ध्यान में रखकर ही उससे विवाह करना चाहिए।चाणक्य नीति के अनुसार, पुरुष को स्त्री की सुंदरता के बजाय उसके स्वभाव, संस्कार, लक्षण, गुण और अवगुणों के बारे में जानकर शादी करनी चाहिए। अगर कोई स्त्री रंग-रूप में सुंदर नहीं है, लेकिन उसके संस्कार अच्छे हैं तो उससे शादी कर लेनी चाहिए। ऐसी पतिव्रता स्त्री, पुरुष के भविष्य को संवार देती है और उसके जीवन को सुखद बनाती है।

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