किसानों का आंदोलन उग्र रूप ले चुका है. एमएसपी पर गारंटी समेत अपनी कई मांगों को लेकर किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बॉर्डरों पर भारी पुलिस पर की तैनाती के चलते उन्हें दिल्ली कूच नहीं करने दिया जा रहा है. हालांकि, केंद्र के साथ चौथे दौर की बातचीत के बाद किसानों ने दो दिन अपने आंदोलन को विराम दिया लेकिन फिर 21 फरवरी के साथ उन्होंने अपने आंदोलन को शुरू कर दिया. बता दें कि एक बार फिर किसान नेता ने दो दिन के लिए अपने आंदोलन को रोका है और अब शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति तय की जाएगी.
दो दिन शांति रहेगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि, ‘हमारे आदमी इस आंदोलन में शांति से रहे हैं. खनौरी में जो हुआ उसके बाद हमें लगा कि इस माहौल में बातचीत मुश्किल है. सरकार एमएसपी पर गारंटी देने से भाग रही है, सीधे बुलेट चलाई जा रही है. किसान नेता पांढरे ने कहा कि हम कह रहे हैं कि हमें शांति से जाने दो. उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि, अब गुरुवार और शुक्रवार को शांति रहेगी. इस दौरान हम विचार करेंगे और बाद में पूरी स्थिति स्पष्ट करेंगे कि हमारे आगे का आंदोलन क्या होगा…’
पांचवें दौर की बातचीत
आपको बता दें कि किसान और केंद्र के बीच हुई पिछले चार दौर की बातचीत बेनतीजा साबित हुई है लेकिन अब पांचवें दौर का भी आमंत्रण किसानों को दिया जा रहा है. केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है कि, ‘केंद्र सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सरकार एमएसपी गारंटी की मांग, फसल विविधीकरण, पराली मुद्दा जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. मैं किसान नेताओं को फिर से चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं…’ बताते चलें कि अब केंद्र और किसानों के बीच पांचवें दौर की वार्ता होगी. देखने वाली बात होगी कि आखिर पांचवें दौर की बातचीत में क्या नतीजा निकलता है.