हरियाणा में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा का चुनाव होना है. विधानसभा के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि वह सभी जातिगत समीकरणों को साधकर चुनाव के नतीजों में अच्छा रिकॉर्ड बना पाए. उधर, प्रदेश में चुनाव से पहले लगातार कई तरह के चुनावी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे. अमित शाह ने मंच से एक ओर जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की जमकर तारीफ की तो वहीं दूसरी ओर नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा पर जमकर कटाक्ष किया. बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कांग्रेस के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कार्यक्रम पर जोरदार प्रहार किया और कहा कि हुड्डा पहले खुद हिसाब दें…

शाह का ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ पर प्रहार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा में चुनाव को लेकर सभी दल एक्टिव नजर आ रहे हैं. बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता जहां जनता के बीच जा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस की तरफ से तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. कांग्रेस ने ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कार्यक्रम चलाया हुआ है जिसपर गृहमंत्री अमित शाह ने तंज कसा है. अमित शाह ने भरे मंच से नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को खुली चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि, ‘मैं बनिया हूं, पाई-पाई का हिसाब देने को तैयार हूं. हुड्डा साहब आप भी अपने 10 सालों का हिसाब लेकर आ जाइए. आप हमसे क्या हिसाब मांग रहे हैं, आप पहले हमें हिसाब दीजिए…’

बीजेपी-कांग्रेस में कड़ी टक्कर
आपको बता दें कि चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की सक्रियता देखते ही बन रही है. बीजेपी को जहां चुनाव में जीत हासिल करने के लिए शीर्ष नेतृत्व का सहारा लेना पड़ रहा है तो वहीं कांग्रेस भी तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करके जनता से वोट मांगने के लिए धरातल पर उतर रही है. हालांकि, हरियाणा में लोकसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही ज्यादा अच्छे नहीं रहे. दोनों ही पार्टियों के बीच साफ टक्कर देखी गई. हरियाणा में जहां बीजेपी को पांच सीटें मिली तो वहीं कांग्रेस भी 5 सीटों पर ही सिमट गई. इस हिसाब से विधानसभा चुनाव के लिए कड़ी टक्कर कांग्रेस और बीजेपी में ही मानी जा रही है. बताते चलें कि इन सबके बीच देखने वाली बात होगी कि आखिर विधानसभा चुनाव के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में आते हैं, क्या बीजेपी का जातिगत समीकरण को साधना फायदेमंद साबित होता है या फिर कांग्रेस के तरह-तरह के अभियान कुछ रंग लाते हैं…