प्रधानमंत्री तीन दिवसीय विदेश दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं. पीएम मोदी जब रूस पहुंचे तो उनका वहां पर भव्य स्वागत किया गया. बता दें कि पीएम 8 और 9 जुलाई को मॉस्को में रहेंगे और वहां पर 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे. पीएम मोदी ने मॉस्को रवाना होने से पहले सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि, ‘वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए आशान्वित हैं. उन्होंने कहा कि हम अगले तीन दिन रूस और आस्ट्रिया में रहेंगे. ये यात्राएं उन देशों के साथ संबंधों को गहरा करने का एक शानदार अवसर होंगी जिनके साथ भारत की गहरी मित्रता है. मैं इन देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं…’

पीएम का विदेश दौरा खास
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी की विदेश दौरे को काफी खास माना जा रहा है. उन्होंने अपने पोस्ट में आगे कहा कि, ‘भारत और रूस के बीच ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान क्षेत्रों सहित विशिष्ट और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में बहुत आगे बढ़ी है…उन्होंने आगे कहा कि, मैं अपने मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए बहुत उत्सुक हूं…’

पीएम के दौरे से पश्चिमी देशों को टेंशन!
आपको बता दें कि पीएम के रूस दौरे से पश्चिमी देशों में खलबली मची हुई है. दरअसल, यूक्रेन युद्ध के बाद से ही पश्चिमी देश रूस को अलग-थलग करने के क्रम में उस पर आर्थिक प्रतिबंध समेत कई तरह के बैन लगाते रहे हैं, बावजूद इसके भारत ने कोविद काल के दौरान रस से कच्चे तेल का आयात किया. भारत में रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान संतुलित रुख अपनाया था. उधर, पीएम के रूस दौरे पर पश्चिमी देशों की पैनी नजर है. बताते चलें कि रूस और भारत के संबंध काफी करीबी तौर पर अच्छे हैं और इस मुलाकात से संबंध और भी मजबूत होने के चांस है जोकि पश्चिमी देशों के लिए खतरा साबित हो सकता है. बहरहाल, देखने वाली बात होगी कि आखिर भारत और रूस की मुलाकात भारत के लिए कितनी फायदेमंद साबित होती है.