बांग्लादेश में इस समय स्थिति चिंताजनक है. हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. इसी भारी हिंसा के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और वह बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई है. इसके बाद वहां पर अल्पसंख्यकों के ऊपर हमले होना शुरू हो गए हैं. बता दें कि जिस बात का शक पहले से ही था वह बात पूरी होते नजर आ रही है. जी हां, बड़ी संख्या में बांग्लादेश के लोग बॉर्डर पार कर भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ ने बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर ही रोक दिया है. बता दें कि बांग्लादेश की स्थिति को लेकर भारत में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है.
बॉर्डर पार कर भारत घुसने की कोशिश कर रहे लोग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले को लेकर बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, बांग्लादेश के नागरिकों को एक बड़ा समूह उत्तर बंगाल के साथ लगी हुई अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अलग-अलग जगह पर इकट्ठा हुआ था. बांग्लादेश के लोग भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, बॉर्डर पर बांग्लादेश नागरिक प्रशासन और बीएसएफ की मदद से उन्हें तीतर भीतर कर दिया गया है.
बांग्लादेश हिंसा का क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की जड़ आरक्षण है. दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 56 फीसदी आरक्षण लागू है. इसमें से 30 फीसदी आरक्षण अकेले केवल 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को मिलता है. इसके अलावा 10% आरक्षण सामाजिक-आर्थिक के तौर पर पिछड़े जिलों के लिए है और 10% महिलाओं के लिए जबकि 5 फ़ीसदी आरक्षण जातिगत अल्पसंख्यक समूहों के लिए और एक फीसदी दिव्यांगों के लिए है. अब प्रदर्शनकारी छात्रों को सबसे बड़ा विरोध मुक्ति संग्राम के परिवार वालों को मिलने वाला 30 फीसदी आरक्षण है. उनका कहना है कि इससे मेरिट वाले लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है बल्कि अयोग्य लोगों को सरकारी नौकरी में भरा जा रहा है. हालांकि, बांग्लादेश में छात्रों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने अधिकांश कोटा वापस ले लिया है. बताते चलें कि बांग्लादेश में स्थिति चिंताजनक है. लोग भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, बॉर्डर पर बीएसएफ तैनात है, देखने वाली बात होगी कि आखिर बांग्लादेश की स्थिति कब तक सामान्य हो पाती है.